मध्यप्रदेश डाक परिमण्डल का इतिहास मध्यप्रदेश राज्य के इतिहास से जुड़ा हुआ है। आधुनिक मध्यप्रदेश राज्य का बहुत सारा इलाका 19वीं सदी में भारत के तत्कालीन सेंट्रल प्राविंस (सीपी) में आता था। भोपाल, ग्वालियर और इंदौर की रियासतें उन दिनों राजपूताना का हिस्सा हुआ करतीं थी । सन् 1861 में सेंट्रल प्राविंस (सीपी) में विदर्भ का इलाका जोड़ दिया गया तथा इसे ‘‘सेंट्रल प्राविंस एण्ड बरार’’ के नाम से जाना जाने लगा। भारत की आजादी के बाद जब भाषावार प्रान्तों का पुर्नगठन हुआ तब तत्कालीन स्वतंत्र भारत के मध्य भारत, भोपाल, विंध्यप्रदेष तथा मध्यप्रदेश के रूप में जाने वाली राजनैतिक इकाईयों को शामिल कर सन् 1956 में मध्यप्रदेश राज्य बनाया गया जिसकी राजधानी भोपाल रखी गई। नागपुर और विदर्भ का इलाका महाराष्ट्र को दे दिया गया।
भारत में डाक के इतिहास पर नजर डालें तो प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार वाले भारत क्षेत्र में सिर्फ तीन डाक परिमण्डल हुआ करते थे - बंगाल प्रेसीडेन्सी, बम्बई प्रेसीडेन्सी और मद्रास प्रेसीडेन्सी। सन् 1839 में नार्थ वेस्ट प्राविंस सर्किल बना तथा उसके बाद दिसंबर 1860 में पंजाब परिमण्डल, 1861 में बर्मा सर्किल, सन् 1866 में सेंट्रल प्रॉविंस सर्किल, सन् 1869 में सिंध सर्किल, सन् 1870 में अवध सर्किल, सन् 1871 में राजपूताना सर्किल, सन् 1873 में आसाम परिमण्डल, सन् 1877 में बिहार सर्किल, सन् 1878 में ईस्टर्न बंगाल सर्किल और सन् 1879 में सेंट्रल इंडिया सर्किल अस्तित्व में आया। सेंट्रल प्रांविस (एण्ड बरार) का हेडक्वार्टर नागपुर होता था जबकि सेंट्रल इंण्डिया का हेडर्क्वाटर इंदौर हुआ करता था। सेंट्रल इण्डिया में सन् 1873 तक होषंगाबाद, नागपुर, सागर, जबलपुर, खण्डवा, रायपुर, वर्धा, और अकोला के डाक वितरण केन्द्र शामिल थे। सन् 1879 में बालाघाट, चांदा, नरसिंहपुर, बासित, छिदवाड़ा, सिवनी छपारा, बैतूल, दमोह, यवतमाल, बिलासपुर और मण्डला में भी डाक वितरण केन्द्र खोले गये। सेंट्रल इंण्डिया जो नार्थ वेस्ट प्रांत से सन् 1879 से अलग होकर बनाया गया था उसमें ग्वालियर, नवगॉव, इंदौर और सीहोर के डाकघर शामिल थे। डाक प्रषासन के लिहाज से सेंट्रल इण्डिया और भोपाल स्टेट राजस्थान डाक परिमण्डल में आता था जिसका हेडर्क्वाटर जयपुर होता था। दिनॉक 01 नवम्बर 1956 को नये मध्यप्रदेश राज्य के गठन के बाद भी मध्यप्रदेश डाक परिमण्डल का कार्यालय नागपुर ही रहा आया। भोपाल में परिमण्डल हेडर्क्वाटर हेतु उपयुक्त भवन की खोज के उपरांत तत्कालीन नवाब भोपाल की सदर मंजिल के एक भवन मोती महल को परिमण्डल कार्यालय स्थापित करने हेतु उपयुक्त पाया गया। नवाब सिकदर जहॉ बेगम द्वारा 1847 में निर्मित मोतीमहल भारतीय इस्लामिक और फ्रेंच वास्तुकला से प्रभावित अति सुंदर भवन था।
श्री एल.के.नारायण स्वामी ने 16 जुलाई 1965 को मध्यप्रदेश परिमण्डल के पोस्टमास्टर जनरल के रूप में मोती महल, भोपाल में कार्यभार संभाला। सन् 1980 में मध्यप्रदेश डाक परिमण्डल कार्यालय अपने स्वयं के नये 7 मंजिला भवन ’’डाक भवन’’ जो अरेरा हिल्स में स्थित है, में स्थानांतरित हो गया जहॉ आज भी परिमण्डल कार्यालय संचालित हो रहा है।